देखिए दोस्तो, आज के समय में यदि आपको अधिक बिजली बिलों से मुक्ति लेनी है तो आपके पास फिलहाल सोलर पैनल के अलावा और कोई भी सस्ता विकल्प माैजूद नहीं है। किंतु हर किसी के मन में यह सवाल भी रहता है की क्या सोलर पैनल बादल और बारिश के मौसम में भी बिजली पैदा करके दे सकते है?
तो आपको बता देना चाहते है की जी हां, सोलर पैनल बादल होने की स्थिति में भी बिजली बना सकता है। इतना ही नहीं बारिश के मौसम में भी सोलर पैनल से बिजली जनरेट की जा सकती है। तो आइए अब जानते है की कौन सा सोलर पैनल बारिश या फिर बादल होने की स्थिति में लगाए ताकि हमारा सोलर पैनल बिजली निरंतर बनाता रहें।
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बादल होने पर सोलर पैनल से कितनी बिजली बनाई जा सकती है?
भारत में मॉनसून होने पर ज्यादातर जगहों पर बादल ही छाएं रहते है। किंतु ऐसी स्थिति में भी सोलर पैनल आसानी से सूर्य की किरणों से बिजली बना सकता है। हां यह बात भी दूध की तरह इतनी ही सफेद है की आप बारिश या फिर बादल की स्थिति में सोलर पैनल से धूप जितनी बिजली पैदा नहीं कर सकते हो।
बादल होने पर सोलर पैनल से कितनी बिजली बन सकती है इसका पूरा आधार आपने कौन सा सोलर पैनल लगाया है इस पर निर्भर करता है। क्योंकि सभी तरह के सोलर पैनल से अलग अलग क्षमता से बिजली बनाई जा सकती है इसलिए ही अलग अलग सोलर पैनल की कीमत में भी फर्क होता है।
सोलर पैनल के प्रकार
मुख्य रूप से सोलर पैनल के 3 प्रकार होते है। इसके प्रकार की कैटेगरी टेक्नोलॉजी के आधार पर रखी गई है। जिसके नाम नीचे दे रखे हैं।
- मोनो क्रिस्टलाइन
- पोली क्रिस्टलाइन
- बाई फेशियल सोलर पैनल
कौन सा सोलर पैनल बारिश या फिर बादल बनने पर अधिक बिजली दे सकता है?
भारत में बादल होने की संभावना ज्यादातर मॉनसून सीजन में ही होती है। किंतु एक बात यह भी सच है की इस सीजन में आपको अधिक बिजली की जरूरत भी नहीं होती। क्योंकि आपको कूलर या फिर AC को चलाने की भी जरूरत नहीं होती। ऐसी परिस्थिति में यदि आपने 2 किलोवाट या फिर कोई भी क्षमता वाला सोलर पैनल लगाया है इसमें किसी भी तरह का सोलर पैनल आपको आपकी जरूरत के हिसाब से बिजली बना देता है।
आपको यह भी बताना चाहते है की बादल होने पर जितनी बिजली बाई फेशियल सोलर पैनल दे सकता है उतनी बिजली पोली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल नहीं दे सकता। बिल्कुल इसी प्रकार बादल होने पर जितनी बिजली पोली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल दे सकता है उतनी बिजली मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल नहीं दे सकता।
ज्यादातर बादल रहने वाली जगहों पर कौन सा सोलर पैनल लगाएं?
यदि आप भी भारत के ऐसे किसी राज्य में रहते है जहां पर पूरे साल में अधिकतर बादल या फिर बारिश जैसा मौसम रहता है तो आपको Bi Facial सोलर पैनल को लगाना चाहिए। क्योंकि यह सोलर पैनल मोनो क्रिस्टलाइन और पोली क्रिस्टलाइन की तुलना में अधिक बिजली बनाकर दे सकता है।
उदाहरण के तौर पर बारिश या फिर बादल होने पर यदि मोनो क्रिस्टलाइन सोलर पैनल दिन में 4 यूनिट बना रहा है तो वहां पर पोली क्रिस्टलाइन सोलर पैनल 5 यूनिट तक बना सकता है और Bi Facial सोलर पैनल 6 यूनिट तक बिजली बना सकता है।
Conclusion
इस लेख से आपको यह मालूम हो गया है की बादल या फिर बारिश के मौसम में भी सोलर पैनल से बिजली बन सकती है। हां यह बात साफ है की धूप में जितनी बिजली बनती है उतनी बिजली बादल होने पर नहीं बन सकती। किंतु इसमें उच्च गुणवत्ता वाले सोलर पैनल लगाकर बादल में भी बिजली का उत्पादन बढ़ा सकते है। किंतु यह भी याद रखिए कि किसी भी परिस्थिति में कोई भी सोलर पैनल धूप जितना यूनिट जनरेट नहीं कर सकता। इसी प्रकार सोलर पैनल से जुड़ी जानकारी के लिए हमारी वेबसाईट https://pmsuryodayyojanaonline.in/ पर निरंतर विज़िट करें।
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